अच्छी माँ के अच्छी सन्तान होती है, दुष्ट माँ के दुष्ट सन्तान होती है। अच्छी माँ के दुष्ट सन्तान नहीं हो सकती। सन्तान के स्वभाव से ही माँ के स्वभाव का ऑकलन करना चाहिए। खेती होती है तो भूमि के तरीके से ही होती है। जमीन के जैसे परमाणु होंगे वैसी ही फसल होती है। माँ देवी होगी तो देवता पैदा होंगे और यदि माँ भूतनी होगी तो भूत ही पैदा होंगे। ये मैंने तुम्हें बताया। परीक्षित महाराज कहने लगे, कि कृपा कर मुझे महर्षि कर्दम के जन्म कर्म के विषय में, उनके गृहस्थ के विषय में बताइए। तो कहा कि । --------इसके बारे में कल पोस्ट करेंगे।
Friday, November 14, 2008
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