सती ने शंकर जी से कहा तो उन्होंने सती को समझाया कि देखो नेताओं के यहाँ साधु महात्माओं को चक्कर नहीं लगाने चाहिए। हाँ नेता अगर साधु नेताओं के चक्कर काटे तो भली बात है लेकिन साधु नेताओं के चक्कर काटे तो समझो सब गड़बड़ है। और फिर तुम्हारे पिताजी तो हमसे विरोध भी मानते हैं।
जदपि विरोध मानि......................... वहाँ गए कल्याण न होई।
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