Wednesday, January 28, 2009

उन्हें कोई लेना देना नहीं।

कुर्सी का मद ऐसा हुआ कि उन्होंने एक यज्ञ किया जिसमें साधु-महात्मा शंकर जी को नहीं बुलाया गया। नेताओं के यहाँ ज्ञानी-ध्यानी की कीमत नहीं है, वहाँ तो बस जो नोट दे - वोट दे उसी की कीमत है। नेताजी तो बस आपके नोट और वोट देखेंगे बाकी वो ये नहीं देखेंगे कि आप कितने बड़े ज्ञानी ध्यानी हैं। उससे उन्हें कोई लेना देना नहीं। सती को भी नहीं बुलाया। सती है- गंगा गए तो गंगादास जमुना गए तो जमुनादास बिना भरोसे वालों को भी नहीं बुलाते नेता जी। सती को नहीं बुलाया क्योंकि वो है-चंचल उन पर भरोसा नहीं कि वो उनके सुर में ही सुर मिलाऐंगी। और सबको बुलाया-साधु महात्माओं को नहीं बुलाया- बिना भरोसे वालों को भी नहीं बुलाया।

No comments: