फिर उसके पश्चात् मनु महाराज की तीसरी पुत्री थी- प्रसूति, जो दक्ष प्रजापति को ब्याही गईं, उनके सोलह सन्तानें हुई। उनमें से सबकी सन्तानें हुईं परन्तु बस एक शंकर को ब्याही गईं सती ही बिना सन्तान उत्पन्न किए दक्ष प्रजापति के यज्ञ में ही भस्म हो गईं। उनकी तेरह कन्याऐं को ब्याही गईं। सबको सन्तानें हुई बस उन्हीं को नहीं। कहते हैं दक्ष प्रजापति तो अपनी पुत्रियों को बेहद प्रेम करते थे, फिर ऐसा कैसे हुआ की उनकी पुत्री उन्हीं के यज्ञ में समाप्त हो गई।
Saturday, January 10, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment