Saturday, April 25, 2009

यज्ञ करना देव कार्य है।

जब यज्ञ विध्वंस हो गया तो यज्ञ नायक एकत्रित हुए। रिषि-मुनि, देव-गण आदि एकत्रित हुए। कहने लगे कि यज्ञ तो सबके भले की चीज है। यज्ञ तो सम्पन्न होना चाहिए। परन्तु यज्ञ सम्पन्न हो कैसे? जब तक शंकर जी रुष्ट हैं, यज्ञ तो हो ही नहीं सकता है। वह देव कौन है जो इसमें मदद करे। यज्ञ करना देव कार्य है। इसमें जो सहयोग और सेवा है वह देव कार्य है। ये जो सब सुनने के लिए आए हैं, देव कार्य कर रहे हैं। इतनी इतनी दूर से परेशानी उठाकर कथा सुनने आप लोग आए हैं, यह भी देव कार्य है, पवित्र लोगों का कार्य है।

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