;इस तन को सजाने में जीवन को बिगाड़ लियाद्ध-
२ तेरी मांग रहे सूनी,ऐसा श्रृंगार किया-२
इस तन को सजाने में..................................।
सावन में पपीहे ने क्या राग सुनाए हैं-२
आंधी तूफां आए बादल भी छाए हैं
एक बूंद भी पी न सका, ये क्यूँ न विचार किया।
तेरी मांग रहे सूनी ऐसा श्रृंगार किया
इस तन को सजाने में................................।
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