जो पत्नी अपने पति के दुःख से दुःखी नहीं हो तो उसे देखने से भी पाप लगता है। वो पति जो पत्नी को दुःख दे और उसके दुःख से दुःखी न हो उसे भी देखने से पाप लगता है। पत्नी वो है जो अपने दुःख से नहीं पति के दुःख से दुःखी है, पति वो है जो अपने दुःख से नहीं पत्नी के दुःख से दुःखी है। बेटा वो है जो अपने नहीं वरन अपने माँ बाप के दुःख से दुःखी है. माँ बाप वो हैं जो अपने नहीं सन्तान के दुःख से दुःखी होते हैं। )षि कश्यप बोले, पत्नी वो है जो अपने नहीं पति के विषय में सोचती है। उसके भले के विषय में सोचती है। पर तूने ;दिति नेद्ध मित्र धर्म को, पति व्रत धर्म को कलंकित किया है। जा तुझे राक्षस संतान जुड़वाँ पैदा होंगी। जो स्त्री अपने पति का इस्तेमाल अपने मतलब के लिए करती है, उसके दुष्ट संतान पैदा होती हैऋ और जो स्त्री अपने पति को सुख देती है, उसके दुष्ट संतान पैदा हो ही नहीं सकती। आज कल हिन्दुस्तान में ५२ प्रतिशत जवान लोग तो हैं, पर इनमें से ९८ प्रतिशत शैतान ही निकलेंगे बाकी २ प्रतिशत ही देव निकलेंगे।
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