Saturday, February 7, 2009

साधु भूखा मान का, धन का भूखा नाय।


"साधु भूखा मान का, धन का भूखा नाय।

जो ध का भूखा फिरे, सो कोई साधु नाय॥

आवत ही हट से नहीं, नैनन नहीं सनेह।

तुलसी, वहाँ न जाइए, चाहे कंचन बरसे मेह॥

आवत ही हरसे भला, पीछे करे छबाऊ।

तुलसी ऐसे मित्र खल, भूल न धरियो पाव॥

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