Wednesday, July 22, 2009

सब मन की कर रहे हैं

तुम दुनियाँ भर के कष्ट झेलकर पैसा कमा कर लाते हो। दुनियाँ भर की आफत उठाकर के आते हो कहीं जेब कट गई, कहीं पुलिस ने परेशान किया। तुमने सोचा कि घर जाऐंगे तो घरवाली के पास बैठेंगे, थोड़ी शान्ति आएगी और घरवाली तो मुँह फुला करके बैठी है। इन्स्पक्ैटर और अफसर को तो पैसे देकर के छूट आए, इस घरवाली से कैसे छूटोगे बेटा। बीबी को कैसे भी मना लिया अब मम्मी मुँह फुलाकर बैठी, बेटा-बेटी सब अपने मन की पूरी कराने को बैठे हैं।

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