दक्ष प्रजापति आया, अहंकार आया तो गड़बड़ी होगी। इसलिए इस अंहकार को मारना सीख लो। बहुत गहरी कथा है। हम अंहकार को राजा बना लेते हैं और जैसा अहंकार कहता है वैसा आचरण करने लगते हैं। अरे ऐसा नहीं करेंगे तो हमें कौन पूछेगा, ऐसा करेंगे तो गाँव में कैसे रहेंगे, बच्चे कैसे पलेंगे, कैसे बढेंगे, कैसे पढेंगे। ये उल्टी-सीधी बातें आती हैं अहंकार में। अरे, समझदारी अलग च+ीज होती है। इसलिए देवता वो जो समझदारी से चले। भैया, अहंकार और घमण्ड से कुछ नहीं मिलता। जहां कहीं भी झगड़ा है वहां अहंकार है, समझदारी नहीं। समझदारी की बात होगी, झगड़ा होगा ही नहीं।
Wednesday, May 6, 2009
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